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श्लोक 2.18.27  |
এক-জন আসি’ রাত্রে গ্রামীকে বলিল
‘তোমার গ্রাম মারিতে তুরুক-ধারী সাজিল |
एक - जन आसि’ रात्रे ग्रामीके बलिल ।
‘तोमार ग्राम मारिते तुरुक - धारी साजिल ॥27॥ |
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अनुवाद |
एक व्यक्ति गाँव में आकर बोला, "तुर्क सैनिक अब तुम लोगों के गाँव पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहे हैं।" |
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