श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  2.18.26 
‘অন্নকূট’-নামে গ্রামে গোপালের স্থিতি
রাজপুত-লোকের সেই গ্রামে বসতি
‘अन्नकूट’ - नामे ग्रामे गोपालेर स्थिति ।
राजपुत - लोकेर सेइ ग्रामे वसति ॥26॥
 
अनुवाद
गोपाल गोवर्धन पर्वत के अन्नकूट गाँव में रहते थे। उस गाँव के अधिकांश लोग राजस्थान से आकर बसे थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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