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श्लोक 2.18.22  |
সে-রাত্রি রহিলা হরিদেবের মন্দিরে
রাত্রে মহাপ্রভু করে মনেতে বিচারে |
से - रात्रि रहिला हरिदेवेर मन्दिरे ।
रात्रे महाप्रभु करे मनेते विचारे ॥22॥ |
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अनुवाद |
उस रात्रि प्रातः महाप्रभु हरिदेव के मन्दिर में ठहरा, और रात्रि में ही भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु अपने मन में विचार करने लगे। |
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