श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 219
 
 
श्लोक  2.18.219 
যেই যেই জন প্রভুর পাইল দরশন
সেই প্রেমে মত্ত হয, করে কৃষ্ণ-সঙ্কীর্তন
येइ येइ जन प्रभुर पाइल दरशन ।
सेइ प्रेमे मत्त हय, करे कृष्ण - सङ्कीर्तन ॥219॥
 
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु का दर्शन करने वाला व्यक्ति भावाविष्ट हो जाता था और हरे कृष्ण मन्त्र का कीर्तन करने लगता था।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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