श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 212
 
 
श्लोक  2.18.212 
সেই বিজুলী-খাঙ্ন হৈল ‘মহা-ভাগবত’
সর্ব-তীর্থে হৈল তাঙ্র পরম-মহত্ত্ব
सेइ विजुली - खाँन हैल ‘महा - भागव त’ ।
सर्व - तीर्थे हैल ताँर परम - महत्त्व ॥212॥
 
अनुवाद
विजुली खान एक महान भक्त बन गए और उनकी महिमा हर तीर्थस्थल में फैल गई।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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