श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 210
 
 
श्लोक  2.18.210 
তাঙ্-সবারে কৃপা করি’ প্রভু ত’ চলিলা
সেইত পাঠান সব ‘বৈরাগী’ হ-ইলা
ताँ - सबारे कृपा करि’ प्रभु त’ चलिला ।
सेइत पाठान सब ‘वैरागी’ हइला ॥210॥
 
अनुवाद
इस तरह उन पर अपनी दया बरसाने के बाद श्री चैतन्य महाप्रभु चले गए। उसके बाद वे सभी पठान मुसलमान (फकीर) हो गए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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