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श्लोक 2.18.21  |
ভট্টাচার্য ‘ব্রহ্ম-কুণ্ডে’ পাক যাঞা কৈল
ব্রহ্ম-কুণ্ডে স্নান করি’ প্রভু ভিক্ষা কৈল |
भट्टाचार्य ‘ब्रह्म - कण्डे’ पाक याञा कैल ।
ब्रह्म - कुण्डे स्नान करि’ प्रभु भिक्षा कैल ॥21॥ |
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अनुवाद |
भट्टाचार्य जी ने ब्रह्म कुण्ड में भोजन बनाया और महाप्रभु जी ने ब्रह्म कुण्ड में स्नान करने के पश्चात भोजन ग्रहण किया। |
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