श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 209
 
 
श्लोक  2.18.209 
‘কৃষ্ণ’ বলি’ পডে সেই মহাপ্রভুর পায
প্রভু শ্রী-চরণ দিল তাঙ্হার মাথায
‘कृष्ण’ बलि’ पड़े सेइ महाप्रभुर पाय ।
प्रभु श्री - चरण दिल ताँहार माथाय ॥209॥
 
अनुवाद
विजुली खान भी श्री चैतन्य महाप्रभु के चरणों में गिर पड़ा और भगवान ने अपना चरण उसके सिर पर रखा।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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