प्रभु कहे, - उठ, कृष्ण - नाम तुमि लइला ।
कोटि - जन्मेर पाप गेल, ‘पवित्र’ हइला ॥205॥
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु ने कहा, "कृपया उठो। तुमने कृष्ण के पवित्र नाम का जाप किया है। इसलिए, करोड़ों जन्मों के पापों से अब तुम मुक्त हो गए हो। अब तुम्हारा मन शुद्ध हो गया है।"