श्री चैतन्य चरितामृत » लीला 2: मध्य लीला » अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण » श्लोक 199 |
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| | श्लोक 2.18.199  | ম্লেচ্ছ কহে, — যেই কহ, সেই ‘সত্য’ হয
শাস্ত্রে লিখিযাছে, কেহ ল-ইতে না পারয | म्लेच्छ कहे , - येइ कह, सेइ ‘सत्य’ हय ।
शास्त्रे लिखियाछे, केह लइते ना पारय ॥199॥ | | अनुवाद | उस मुस्लिम फ़क़ीर ने जवाब दिया, "आपने जो कुछ कहा है, वो सब सही है। ये बातें कुरान में तो लिखी हुई हैं, मगर हमारे मौलवी इन्हें समझ भी नहीं पाते, और न ही इन्हें मानते हैं।" | | |
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