श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 185
 
 
श्लोक  2.18.185 
সেই ম্লেচ্ছ-মধ্যে এক পরম গম্ভীর
কাল বস্ত্র পরে সেই, — লোকে কহে ‘পীর’
सेइ म्लेच्छ - मध्ये एक परम गम्भीर ।
काल वस्त्र परे सेइ, - लोके कहे ‘पीर’ ॥185॥
 
अनुवाद
इन मुसलमानों में एक गंभीर व्यक्ति था, जो काला वस्त्र पहना था। लोग उन्हें एक साधु व्यक्ति मानते थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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