श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 171
 
 
श्लोक  2.18.171 
ক্ষণেক ইহাঙ্ বৈস, বান্ধি’ রাখহ সবারে
ইঙ্হাকে পুছিযা, তবে মারিহ সবারে
क्षणेक इहाँ वैस, बान्थि’ राखह सबारे ।
इँहाके पुछिया, तबे मारिह सबारे ॥171॥
 
अनुवाद
“आप कुछ देर यहीं बैठिए और हम सबको गिरफ्तार करके रखिये। जब ये सन्यासी होश में आ जाएँगे, तो आप इनसे पूछताछ कर लीजियेगा। फिर चाहें तो हम सबको मरवा दीजिये।”
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.