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श्लोक 2.18.164  |
প্রভুরে দেখিযা ম্লেচ্ছ করযে বিচার
এই যতি-পাশ ছিল সুবর্ণ অপার |
प्रभुरे देखिया म्लेच्छ करये विचार ।
एइ यति - पाश छिल सुवर्ण अपार ॥164॥ |
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अनुवाद |
महाप्रभु को बेहोश देख सैनिकों ने विचार किया, "इस संन्यासी के पास निश्चित रूप से स्वर्ण की एक बड़ी मात्रा अवश्य होगी।" |
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