श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 163
 
 
श्लोक  2.18.163 
হেন-কালে তাহাঙ্ আশোযার দশ আইলা
ম্লেচ্ছ-পাঠান ঘোডা হৈতে উত্তরিলা
हेन - काले ताहाँ आशयार दश आइला ।
म्लेच्छ - पाठान घोड़ा हैते उत्तरिला ॥163॥
 
अनुवाद
जब महाप्रभु मूर्छित थे, तब वहाँ दस अश्वारोही सैनिक, जो मुसलमान पठान सेना के थे, आये और घोड़े से उतरे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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