श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 157
 
 
श्लोक  2.18.157 
এত বলি’ মহাপ্রভুরে নৌকায বসাঞা
পার করি’ ভট্টাচার্য চলিলা লঞা
एत ब लि’ महाप्रभुरे नौकाय वसाञा ।
पार करि’ भट्टाचार्य चलिला लञा ॥157॥
 
अनुवाद
यह कहते हुए बलभद्र भट्टाचार्य ने श्री चैतन्य महाप्रभु को नाव पर बैठाया। नदी पार करने के पश्चात् वह महाप्रभु को अपने साथ ले गए।
 
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