তবে সুখ হয যবে গঙ্গা-পথে যাইযে
এবে যদি যাই, ‘মকরে’ গঙ্গা-স্নান পাইযে
तबे सुख हय यबे गङ्गा - पथे याइये ।
एबे यदि याइ, ‘मकरे’ गङ्गा - स्नान पाइये ॥150॥
अनुवाद
“मैं अति प्रसन्नता अनुभव करूँगा, यदि हम सभी गंगा नदी के किनारे से यात्रा करें। तब हम मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर प्रयाग में स्नान करने का सुअवसर प्राप्त कर सकते हैं।”