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श्लोक 2.18.14  |
কুণ্ডের মৃত্তিকা লঞা তিলক করিল
ভট্টাচার্য-দ্বারা মৃত্তিকা সঙ্গে করি’ লৈল |
कुण्डेर मृत्तिका लञा तिलक करिल ।
भट्टाचार्य - द्वारा मृत्तिका सङ्गे करि’ लैल ॥14॥ |
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अनुवाद |
इसके बाद श्री चैतन्य महाप्रभु ने राधाकुंड की मिट्टी से अपने शरीर पर तिलक लगाया और बलभद्र भट्टाचार्य की सहायता से उस कुंड से कुछ मिट्टी एकत्र की और उसे अपने साथ ले गए। |
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