श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 139
 
 
श्लोक  2.18.139 
তবে ভট্টাচার্য সেই ব্রাহ্মণে লঞা
যুক্তি করিলা কিছু নিভৃতে বসিযা
तबे भट्टाचार्य सेइ ब्राह्मणे लञा ।
युक्ति करिला किछु निभृते वसिया ॥139॥
 
अनुवाद
इसके पश्चात बलभद्र भट्टाचार्य सनोड़िया ब्राह्मण को एकांत स्थान पर ले गया और उससे विचार-विमर्श किया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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