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श्लोक 2.18.138  |
দেখি’ কৃষ্ণদাস কান্দি’ ফুকার করিল
ভট্টাচার্য শীঘ্র আসি’ প্রভুরে উঠাইল |
देखि’ कृष्णदास कान्दि’ फुकार करिल ।
भट्टाचार्य शीघ्र आसि’ प्रभुरे उठाइल ॥138॥ |
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अनुवाद |
जब कृष्णदास ने देखा कि चैतन्य महाप्रभु डूब रहे हैं, तो वह फूट-फूटकर रोने लगा और जोर-जोर से चिल्लाया। तुरंत ही बलभद्र भट्टाचार्य आये और प्रभु को बाहर निकाला। |
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