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श्लोक 2.18.136  |
এই ঘাটে অক্রূর বৈকুণ্ঠ দেখিল
ব্রজবাসী লোক ‘গোলোক’ দর্শন কৈল |
एइ घाटे अक्रूर वैकुण्ठ देखिल ।
व्रजवासी लोक ‘गोलो क’ दर्शन कैल ॥136॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु ने अनुमान लगाया, "इस घाट पर अक्रूर ने वैकुण्ठ लोक को देखा था और सभी व्रजवासियों ने गोलोक वृन्दावन को देखा था।" |
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