श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 135
 
 
श्लोक  2.18.135 
এক-দিন সেই অক্রূর-ঘাটের উপরে
বসি’ মহাপ্রভু কিছু করেন বিচারে
एक - दिन सेइ अक्रूर - घाटेर उपरे ।
वसि’ महाप्रभु किछु करेन विचारे ॥135॥
 
अनुवाद
एक दिन श्री चैतन्य महाप्रभु अक्रूर-तीर्थ के स्नानघाट पर बैठे और इस प्रकार सोचने लगे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.