কান্যকুব্জ-দাক্ষিণাত্যের বৈদিক ব্রাহ্মণ
দৈন্য করি, করে মহাপ্রভুর নিমন্ত্রণ
कान्यकुब्ज - दाक्षिणात्येर वैदिक ब्राह्मण ।
दैन्य करि, करे महाप्रभुर निमन्त्रण ॥133॥
अनुवाद
काशी तथा दक्षिण भारत जैसे विभिन्न स्थानों के ब्रह्मणों ने जो कि पूर्ण रूप से वैदिक धर्म का अनुसरण करते थे, श्री चैतन्य महाप्रभु को विनम्रतापूर्वक निमंत्रण दिया।