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श्लोक 2.18.127  |
সেই সব লোকে প্রভু প্রসাদ করিল
কৃষ্ণ-প্রেমে মত্ত লোক নিজ-ঘরে গেল |
सेइ सब लोके प्रभु प्रसाद करिल ।
कृष्ण - प्रेमे मत्त लोक निज - घरे गेल ॥127॥ |
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अनुवाद |
तब श्री चैतन्य महाप्रभु ने वहाँ उपस्थित सभी लोगों पर अपनी दयालु कृपा बरसाई और हर व्यक्ति ईश्वर के प्रेम में डूब गया। अंत में वे सभी अपने-अपने घर लौट गए। |
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