श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 123
 
 
श्लोक  2.18.123 
দর্শনের কার্য আছুক, যে তোমার ‘নাম’ শুনে
সেই কৃষ্ণ-প্রেমে মত্ত, তারে ত্রিভুবনে
दर्शनेर कार्य आछुक, ये तोमार ‘नाम’ शुने ।
सेइ कृष्ण - प्रेमे मत्त, तारे त्रिभुवने ॥123॥
 
अनुवाद
आपके दर्शन के अलावा जो कोई भी आपका पवित्र नाम सुनता है वो कृष्ण-प्रेम में पागल हो जाता है और तीनों लोकों को मुक्ति दिलाने में सक्षम हो जाता है।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.