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श्लोक 115
श्लोक
2.18.115
যেই মূঢ কহে, — জীব ঈশ্বর হয ‘সম’
সেইত ‘পাষণ্ডী’ হয, দণ্ডে তারে যম
येइ मूढ़ कहे, - जीव ईश्वर हय ‘सम’ ।
सेइत ‘पाषण्डी’ हय, दण्डे तारे यम ॥115॥
अनुवाद
“जो मूर्ख कहता है कि परम पुरुषोत्तम भगवान् जीव के समान हैं, वह एक नास्तिक है। वह यमराज द्वारा दण्डित होने का भागीदार बनता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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