श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 107
 
 
श्लोक  2.18.107 
বৃন্দাবনে ‘কৃষ্ণ’ আইলা, — সেই ‘সত্য’ হয
কৃষ্ণেরে দেখিল লোক, — ইহা ‘মিথ্যা’ নয
वृन्दावने ‘कृष्ण’ आइला , - सेइ ‘सत्य’ हय ।
कृष्णेरे देखिल लोक, - इहा ‘मिथ्या’ नय ॥107॥
 
अनुवाद
“सच तो यह है कि भगवान कृष्ण फिर से वृन्दावन में आ गये हैं। यह सत्य है और यह भी सच है कि लोगों ने उन्हें स्वयं देखा है।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.