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श्लोक 2.18.103  |
প্রাতঃ-কালে ভব্য-লোক প্রভু-স্থানে আইলা
‘কৃষ্ণ দেখি’ আইলা?’ — প্রভু তাঙ্হারে পুছিলা |
प्रातः - काले भव्य - लोक प्रभु - स्थाने आइला ।
‘कृष्ण देखि’ आइला ?’ - प्रभु ताँहारे पुछिला ॥103॥ |
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अनुवाद |
अगली सुबह कुछ भद्र लोग श्री चैतन्य महाप्रभु से मिलने आए और भगवान ने उनसे पूछा, "क्या आपने कृष्ण को देखा है?" |
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