श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 101
 
 
श्लोक  2.18.101 
কৃষ্ণ কেনে দরশন দিবে কলি-কালে?
নিজ-ভ্রমে মূর্খ-লোক করে কোলাহলে
कृष्ण केने दरशन दिबे कलि - काले ? ।
निज - भ्रमे मूर्ख - लोक करे कोलाहले ॥101॥
 
अनुवाद
क्यों कलियुग में कृष्ण प्रकट हो गए? मूर्ख लोग भ्रमित होकर उत्तेजना फैलाते हैं और कोलाहल मचाते हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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