श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 16: महाप्रभु द्वारा वृन्दावन जाने की चेष्टा  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  2.16.29 
নিত্যানন্দের পরিচয সব সেবক সনে
বহুত সম্মান আসি’ কৈল সেবক-গণে
नित्यानन्देर परिचय सब सेवक सने ।
बहुत सम्मान आसि’ कैल सेवक - गणे ॥29॥
 
अनुवाद
मंदिर के सभी पुजारी पहले से ही श्री नित्यानंद प्रभु से मिल चुके थे; इसलिए वे सभी आए और उन्होंने प्रभु का बहुत आदर किया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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