श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 16: महाप्रभु द्वारा वृन्दावन जाने की चेष्टा  »  श्लोक 193
 
 
श्लोक  2.16.193 
মহা-পাত্র তাঙ্র সনে কৈল কোলাকুলি
অনেক সামগ্রী দিযা করিল মিতালি
महा - पात्र ताँर सने कैल कोलाकुलि ।
अनेक सामग्री दिया करिल मितालि ॥193॥
 
अनुवाद
राज्यपाल के चले जाने के पहले महापात्र ने उससे गले मिलकर अनेक भेंट दीं। ऐसे उसने उससे मित्रता स्थापित कर ली।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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