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श्लोक 2.15.40  |
সবারে কহিল প্রভু — প্রত্যব্দ আসিযা
গুণ্ডিচা দেখিযা যাবে আমারে মিলিযা |
सबारे कहिल प्रभु - प्रत्यब्द आसिया ।
गुण्डिचा देखिया याबे आमारे मिलिया ॥40॥ |
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अनुवाद |
सभी भक्तों को विदा करत हुए श्री चैतन्य महाप्रभु ने उनसे विनती की कि वे हर वर्ष उन्हें देखने जगन्नाथ पुरी वापस आएं और गुण्डिचा मन्दिर की सफाई का दर्शन करें। |
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