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श्लोक 2.15.27  |
প্রতাপরুদ্রের আজ্ঞায পডিছা-তুলসী
জগন্নাথের প্রসাদ-বস্ত্র এক লঞা আসি |
प्रतापरुद्रेर आज्ञाय पड़िछा - तुलसी ।
जगन्नाथेर प्रसाद - वस्त्र एक लञा आसि ॥27॥ |
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अनुवाद |
महाराज प्रतापरुद्र जी की आज्ञा पाकर मंदिर के निरीक्षक तुलसी जी भगवान जगन्नाथ के उतारे हुए वस्त्रों में से एक वस्त्र को लेकर आए। |
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