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श्लोक 2.15.263  |
পুনঃ সেই নিন্দকের মুখ না দেখিব
পরিত্যাগ কৈলুঙ্, তার নাম না ল-ইব |
पुनः सेइ निन्दकेर मुख ना देखिब ।
परित्याग कैलुँ, तार नाम ना लइब ॥263॥ |
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अनुवाद |
इसके स्थान पर मैं उस निंदक का चेहरा फिर कभी नहीं देखूँगा। मैं उसे त्यागता हूँ और उससे अपना सम्बन्ध तोड़ता हूँ। अब मैं उसका नाम भी नहीं लूँगा। |
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