श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 15: महाप्रभु द्वारा सार्वभौम भट्टाचार्य के घर पर प्रसाद स्वीकार करना  »  श्लोक 226
 
 
श्लोक  2.15.226 
শত চুলায শত জন পাক যদি করে
তবু শীঘ্র এত দ্রব্য রান্ধিতে না পারে
शत चुलाय शत जन पाक यदि करे ।
तबु शीघ्र एत द्रव्य रान्धिते ना पारे ॥226॥
 
अनुवाद
“सौ चूल्हों पर सौ लोग खाना पकाते तब भी इतने सारे पकवान इतने कम समय में नहीं बन पाते।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.