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श्लोक 2.14.95  |
আর দিন আসি’ কৈল ঈশ্বর দরশন
প্রাঙ্গণে নৃত্য-গীত কৈল কত-ক্ষণ |
आर दिन आसि’ कैल ईश्वर दरशन ।
प्राङ्गणे नृत्य - गीत कैल कत - क्षण ॥95॥ |
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अनुवाद |
अगले दिन, श्री चैतन्य महाप्रभु भी गुंडिचा मंदिर गए और भगवान के दर्शन किए। तब वे आँगन में कुछ देर तक गाते-नाचते रहे। |
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