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श्लोक 169
श्लोक
2.13.169
সূর্যের কিরণে মুখ করে ঝলমল
মাল্য, বস্ত্র, দিব্য অলঙ্কার, পরিমল
सूर्येर किरणे मुख करे झलमल ।
माल्य, वस्त्र, दिव्य अलङ्कार, परिमल ॥169॥
अनुवाद
भगवान् जगन्नाथ माला से आभूषित थे, सुन्दर वस्त्र पहने थे और आकर्षक आभूषणों से सजे थे। उनका चेहरा सूरज की किरणों से चमक रहा था और पूरा वातावरण सुगंधित था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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