|
|
|
श्लोक 2.12.100  |
ভক্ত-গণ করে গৃহ-মধ্য প্রক্ষালন
নিজ নিজ হস্তে করে মন্দির মার্জন |
भक्त - गण करे गृह - मध्य प्रक्षालन ।
निज निज हस्ते करे मन्दिर मार्जन ॥100॥ |
|
अनुवाद |
सारे भक्त मंदिर के भीतर साफ-सफाई करने लगे। हर किसी के हाथ में एक-एक झाड़ू थी, जिससे उन्होंने भगवान के मंदिर को साफ किया। |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|