श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 12: गुण्डिचा मन्दिर की सफाई  »  श्लोक 100
 
 
श्लोक  2.12.100 
ভক্ত-গণ করে গৃহ-মধ্য প্রক্ষালন
নিজ নিজ হস্তে করে মন্দির মার্জন
भक्त - गण करे गृह - मध्य प्रक्षालन ।
निज निज हस्ते करे मन्दिर मार्जन ॥100॥
 
अनुवाद
सारे भक्त मंदिर के भीतर साफ-सफाई करने लगे। हर किसी के हाथ में एक-एक झाड़ू थी, जिससे उन्होंने भगवान के मंदिर को साफ किया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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