श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 10: महाप्रभु का जगन्नाथ पुरी लौट आना  »  श्लोक 91
 
 
श्लोक  2.10.91 
সে-কালে দক্ষিণ হৈতে পরমানন্দ-পুরী
গঙ্গা-তীরে-তীরে আইলা নদীযা নগরী
से - काले दक्षिण हैते परमानन्द - पुरी ।
गङ्गा - तीरे - तीरे आइला नदीया नगरी ॥91॥
 
अनुवाद
उसी समय, परमानन्द पुरी दक्षिण भारत से पधारें। वो गंगा नदी के किनारे-किनारे यात्रा करते हुए अंततः नदिया नगरी पहुँच गए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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