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श्लोक 36
श्लोक
2.10.36
সার্বভৌম কহে, — প্রভু, যোগ্য তোমার বাসা
তুমি অঙ্গীকার কর, — কাশী-মিশ্রের আশা
सार्वभौम कहे , - प्रभु, योग्य तोमार वासा ।
तुमि अङ्गीकार कर, - काशी - मिश्रेर आशा ॥36॥
अनुवाद
सार्वभौम भट्टाचार्य ने कहा, "यह जगह आपके सर्वथा अनुकूल है। कृपया इसे स्वीकार करें, काशी मिश्र की ऐसी ही आशा है।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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