श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 10: महाप्रभु का जगन्नाथ पुरी लौट आना  »  श्लोक 121
 
 
श्लोक  2.10.121 
কত-ক্ষণে দুই জনে স্থির যবে হৈলা
তবে মহাপ্রভু তাঙ্রে কহিতে লাগিলা
कत - क्षणे दुइ जने स्थिर यबे हैला ।
तबे महाप्रभु ताँरे कहिते लागिला ॥121॥
 
अनुवाद
जब दोनों ने धैर्य धारण किया, तो श्री चैतन्य महाप्रभु बोलने लगे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.