श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 9: भक्ति का कल्पवृक्ष  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  1.9.41 
ভারত-ভূমিতে হৈল মনুষ্য জন্ম যার
জন্ম সার্থক করি’ কর পর-উপকার
भारत - भूमिते हैल मनुष्य जन्म यार ।
जन्म सार्थक क रि’ कर पर - उपकार ॥41॥
 
अनुवाद
भारत की धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति को अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए और अन्य सभी लोगों के लाभ के लिए कार्य करना चाहिए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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