श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 8: लेखक का कृष्ण तथा गुरु से आदेश प्राप्त करना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  1.8.6 
এ-সব না মানে যেই পণ্ডিত সকল
তা-সবার বিদ্যা-পাঠ ভেক-কোলাহল
ए - सब ना माने येइ पण्डित सकल ।
ता - सबार विद्या - पाठ भेक - कोलाहल ॥6॥
 
अनुवाद
श्रीचैतन्य-चरितामृत के इन कथनों में जिन तथाकथित पण्डितों का विश्वास नहीं, उनके द्वारा की गई शिक्षा तो मेंढकों की तेज टर्र-टर्र के समान है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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