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श्लोक 1.8.51  |
তাতে বসি’ আছে সদা ব্রজেন্দ্র-নন্দন
‘শ্রী-গোবিন্দ-দেব’ নাম সাক্ষাত্ মদন |
ताते व सि’ आछे सदा व्रजेन्द्र - नन्दन ।
‘श्री - गोविन्द - देव’ नाम साक्षात्मदन ॥51॥ |
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अनुवाद |
उस सिंहासन पर नंद महाराज के पुत्र श्री गोविंददेव विराजमान हैं, जो दिव्य कामदेव हैं। |
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