श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 8: लेखक का कृष्ण तथा गुरु से आदेश प्राप्त करना  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  1.8.15 
শ্রী-কৃষ্ণ-চৈতন্য-দযা করহ বিচার
বিচার করিতে চিত্তে পাবে চমত্কার
श्री - कृष्ण - चैतन्य - दया करह विचार ।
विचार करिते चित्ते पाबे चमत्कार ॥15॥
 
अनुवाद
यदि आप सचमुच तर्क और वाद-विवाद में रुचि रखते हैं, तो कृपया श्री चैतन्य महाप्रभु की कृपा पर इसे लागू करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पाएंगे कि यह अत्यंत अद्भुत है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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