হেন কৃপাময চৈতন্য না ভজে যেই জন
সর্বোত্তম হ-ইলেও তারে অসুরে গণন
हेन कृपामय चैतन्य ना भजे येइ जन ।
सर्वोत्तम हइलेओ तारे असुरे गणन ॥12॥
अनुवाद
जो व्यक्ति इस दयालु प्रभु, चैतन्य महाप्रभु का सम्मान नहीं करता या उनकी आराधना नहीं करता, उसे असुर समझा जाना चाहिए, भले ही उसे मानव समाज में कितना भी ऊंचा क्यों न माना जाता हो।