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श्लोक 1.8.10  |
মোরে না মানিলে সব লোক হবে নাশ
ইথি লাগি’ কৃপার্দ্র প্রভু করিল সন্ন্যাস |
मोरे ना मानिले सब लोक हबे नाश ।
इथि ला गि’ कृपार्द्र प्रभु करिल सन्न्यास ॥10॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु ने विचार किया, "जब तक लोग मुझे स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक वो सब नष्ट हो जाएंगे।" इसलिए दयालु भगवान ने संन्यास ग्रहण किया। |
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