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श्लोक 1.7.16  |
শ্রীবাসাদি যত কোটি কোটি ভক্ত-গণ
‘শুদ্ধ-ভক্ত’-তত্ত্ব-মধ্যে তাঙ্-সবার গণন |
श्रीवासादि यत कोटि कोटि भक्त - गण ।
‘शुद्ध - भक्त’ - तत्त्व - मध्ये ताँ - सबार गणन ॥16॥ |
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अनुवाद |
प्रभु के अनगिनत पवित्र भक्त हैं, जिनमें श्रीवास ठाकुर प्रमुख हैं। इन्हें शुद्ध भक्त कहा जाता है। |
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