वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 1: आदि लीला
»
अध्याय 7: भगवान् चैतन्य के पाँच स्वरूप
»
श्लोक 153
श्लोक
1.7.153
চন্দ্রশেখর, তপন মিশ্র, আর সনাতন
শুনি’ দেখি’ আনন্দিত সবাকার মন
चन्द्रशेखर, तपन मिश्र, आर सनातन ।
शुनि’ देखि’ आनन्दित सबाकार मन ॥153॥
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु के तर्कों को सुनकर तथा उनकी विजय देखकर चन्द्रशेखर, तपन मिश्र और सनातन गोस्वामी सभी बहुत ही खुश हुए।
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.