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श्लोक 89
श्लोक
1.6.89
তাঙ্র অবতার এক শ্রী-সঙ্কর্ষণ
ভক্ত বলি’ অভিমান করে সর্ব-ক্ষণ
ताँर अवतार एक श्री - सङ्कर्षण ।
भक्त ब लि’ अभिमान करे सर्व - क्षण ॥89॥
अनुवाद
भगवान संकर्षण, जो उनके अवतारों में से एक हैं, खुद को उनका एक नित्य दास मानते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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