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श्लोक 1.6.43  |
সেই অভিমান-সুখে আপনা পাসরে
‘কৃষ্ণ-দাস’ হও — জীবে উপদেশ করে |
सेइ अभिमान - सुखे आपना पासरे ।
‘कृष्ण - दास’ हओ - जीवे उपदेश करे ॥43॥ |
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अनुवाद |
वे उस भाव की ख़ुशी में अपना ध्यान भूल जाते हैं और सभी को बताते हैं कि, तुम सभी श्री चैतन्य महाप्रभु के सेवक हो। |
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